नई दिल्ली. मणिपुर में महिलाओं के साथ हुई बर्बर घटना का वायरल वीडियो केस केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपा जाएगा और केंद्र सरकार चाहती है कि इसकी सुनवाई मणिपुर से बाहर एक अलग राज्य में हो. एक शीर्ष सरकारी सूत्र ने News18 को बताया कि 4 मई को कांगपोकपी में दो महिलाओं के साथ हुई बर्बरता, भीड़ के सामने उनकी निर्वस्त्रता और फिर परेड का शर्मनाक वीडियो वायरल करने वाला गिरफ्तार कर लिया गया है. इस व्यक्ति का वह फोन भी जांच के लिए भेजा गया है जिससे घटना को रिकॉर्ड किया गया था.
इस मामले को लेकर गृह मंत्रालय बेहद सख्त है. शीर्ष सरकारी सूत्र ने कहा कि किसी भी दोषी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा. सूत्र ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार, मणिपुर में दोनों समुदायों से बात कर रही है और उम्मीद है कि वे जल्द ही एक ही टेबल पर आ जाएंगे. सूत्र ने कहा कि सरकार दोनों समूहों के साथ एक संयुक्त बैठक के काफी करीब है. दोनों पक्षों से अलग-अलग छह दौर की बातचीत हो चुकी है. केंद्र का कहना है कि मणिपुर में हिंसा अब भी हो रही है, लेकिन बहुत छोटे पैमाने पर और 18 जुलाई के बाद से किसी की मौत की सूचना नहीं है.
मणिपुर में भारी फोर्स तैनात, महंगाई की कोई स्थिति नहींसूत्र ने यह भी कहा कि लगभग 36,000 केंद्रीय बलों के जवानों ने दोनों समुदायों के बीच एक बफर बनाया है और 3 मई को हिंसा की पहली रिपोर्ट के बाद 30 घंटे के भीतर इन सभी बलों को मणिपुर में तैनात कर दिया गया था. सूत्रों ने यह भी कहा कि राज्य में महंगाई (मूल्य वृद्धि) की कोई स्थिति नहीं है और सभी आवश्यक वस्तुओं की पर्याप्त आपूर्ति हो रही है.
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2 अन्य वीडियो को गलत तरीके से मणिपुर का बताने के मामले में FIRशीर्ष सरकारी सूत्र ने कहा कि दो अन्य वीडियो को गलत तरीके से मणिपुर का बताकर प्रसारित किया जा रहा है, जबकि वे वास्तव में म्यांमार से संबंधित हैं और एक साल पहले के थे और उन्हें प्रसारित करने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई थी. संसद सत्र की पूर्व संध्या पर सामने आए मणिपुर के 4 मई के वीडियो के बारे में सूत्र ने कहा कि प्रथम दृष्टया यह एक साजिश लगती है. वीडियो को इतने लंबे समय तक प्रशासन को क्यों नहीं सौंपा गया? अब वीडियो शूट करने वाले शख्स की गिरफ्तारी से इसके लीक होने तक के घटनाक्रम का खुलासा होने की उम्मीद है.
म्यांमार के साथ सीमा बाड़ लगाने की परियोजना पर तेजी से काम होगासूत्र ने कहा कि म्यांमार से आने वाले सभी लोगों के बायोमेट्रिक और अंगूठे के निशान लिए जाएंगे ताकि उन्हें मतदाताओं की नकारात्मक सूची में डाल दिया जाए ताकि उन्हें नागरिकता न मिल सके. साथ ही, केंद्र, म्यांमार के साथ सीमा बाड़ लगाने की परियोजना पर तेजी से काम करेगा और बाड़ लगाने की परियोजना के लिए एक सर्वेक्षण भी कराया जाएगा. सूत्र ने यह भी कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी मणिपुर की स्थिति पर अपडेट के लिए अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में हैं.
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गृह मंत्री अमित शाह 3 दिनों तक रहे थे मणिपुर मेंगृह मंत्री अमित शाह ने तीन दिनों तक मणिपुर में डेरा डाला था और गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय 25 मई से 17 जून तक मणिपुर में रहे थे. सूत्रों ने इसकी तुलना 1993 में मणिपुर में हुई हिंसा से की, जो लगभग आठ महीने तक चली थी, यह कांग्रेस सरकार के गृह राज्य मंत्री थे जिन्होंने संसद में जवाब दिया था और तत्कालीन गृह राज्य मंत्री ने मणिपुर का सिर्फ तीन-चार घंटे का दौरा किया था, जिसमें शामिल थे दो घंटे एयरपोर्ट पर और एक घंटा सीएम आवास पर बिताया था.
दो घटनाओं के कारण हिंसा भड़कीसूत्र ने कहा कि दो घटनाओं के कारण हिंसा भड़की. एक उच्च न्यायालय का आदेश था जिसमें कहा गया था कि राज्य सरकार को एसटी सूची में मेइती को शामिल करने पर 19 मई तक कार्रवाई करनी होगी – जिससे कुकी नाराज हो गए. दूसरी घटना यह थी कि मणिपुर के एक मंत्री ने म्यांमार से पहाड़ियों पर आने वाले लोगों के लिए राजस्व गांव बनाने की घोषणा की- जिससे मेइती नाराज हो गए. मणिपुर में भूमि आवंटन एक संवेदनशील मुद्दा है.
अब स्कूलों में 82% उपस्थिति, 72% कर्मचारी काम पर लौटेहिंसा के ग्राफ पर सूत्र ने कहा कि मणिपुर में 3 से 6 मई के बीच 59 मौतें हुईं, वहीं 24 से 31 मई के बीच 28 मौतें हुईं. अब तक कुल 147 मौतें हो चुकी हैं, जबकि 18 जुलाई से कोई मौत नहीं हुई है. मणिपुर में 361 राहत शिविर चल रहे हैं जहां करीब 57,000 लोग रह रहे हैं. सूत्र ने कहा कि 72% कर्मचारी काम पर वापस आ गए हैं और वर्तमान में मणिपुर के स्कूलों में 82% उपस्थिति है.
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