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यहां अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है जो एक समय पर एक तरफ से वाहनों को गुजार रहे हैं ताकि किसी भी प्रकार की लोगों को परेशानी न हो। इसके साथ फोरलेन निर्माण कर रही कंपनी की मशीनें और स्टाफ भी मौके पर तैनात है। गौरतलब है कि कालका-शिमला नेशनल हाईवे पांच एक अगस्त को चक्कीमोड़ के पास रात करीब 02:45 बजे बंद हो गया था। इसके बाद इसे खोलने के लगातार प्रयास किए जा रहे थे। वहीं वाहनों को वैकल्पिक सड़कों से गंतव्य की ओर भेजा जा रहा था। करीब 154 घंटे बाद बीते मंगलवार को चक्कीमोड़ के समीप छोटे वाहनों को गुजारा गया।
चक्कीमोड़ से बसों की आवाजाही शुरू कर दी है। एक-दो दिन में यहां से बड़े ट्रकों को चलाने की भी योजना है। लोगों को किसी भी प्रकार की दिक्कत न आए इसके लिए यहां पर अतिरिक्त पुलिस लगाई गई है। -भीष्म सिंह ठाकुर, डीएसपी सोलन।
चंडीगढ़-मनाली एनएच चार घंटे रहा बंद
चंडीगढ़-मनाली एनएच मंगलवार रात भर और बुधवार को 4 घंटे तक रहा बंद। इस कारण वाहन चालकों को परेशानी हुई। इस दौरान वैकल्पिक मार्गों पर गाड़ियों की आवाजाही से जाम लगता रहा।
पठानकोट-मंडी एनएच अवरुद्ध, गाड़ियां फंसीं
पहाड़ी से लगातार मलबा गिरने से बुधवार को पठानकोट-मंडी राष्ट्रीय राजमार्ग पर 32 मील के पास दोपहर को अवरुद्ध रहा। हालांकि दोपहर को कुछ समय छोटी गाड़ियों को यहां से निकाला गया, लेकिन शाम को फिर भूस्खलन होने से यह रास्ता पूर्ण रूप से बंद करना पड़ा और छोटी गाड़ियों को रानीताल-32 मील सड़क से भेजा गया। इस दौरान सुबह से लेकर शाम तक सड़क के दोनों ओर लंबा जाम लग गया। कुछ वाहन वापस लौटे गए तो सैकड़ों गाड़ियां 32 मील के पास ही फंसीं रहीं।
मलबा इतना ज्यादा था की रेलवे कर्मियों के अलावा गट्रैक खोलने के लिए जेसीबी की मदद लेनी पड़ी। कंडाघाट में रेलवे लाइन के ठीक ऊपर सिद्धपीठ हनुमान मंदिर है, जोकि पिछले दिनों हुई बारिश से पूरा तहस क्षतिग्रस्त हो चुका है। वहीं से जमीन धंसने लगी है। इसकी वजह से ट्रैक पर मलबा गिरने का सिलसिला जारी है। यहां पर अभी भी कई पेड़, मलबा और पत्थर गिरने के कगार पर हैं। इस बारे में कंडाघाट के उपमंडलाधिकारी सिद्धार्थ आचार्य ने बताया कि रेल लाइन पर मलबा आने से बुधवार कोतेकुछ देर तक ट्रैक बाधित रहा। जेसीबी से ट्रैक को साफ करवा दिया गया।