जी 20 के जबर्दस्त आयोजन के लिए हर तरफ भारत की तारीफ हो रही है। कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष पीएम मोदी की मेजबानी से काफी गदगद नजर आ रहे हैं। अर्जेंटीना के राष्ट्रपति अल्बर्टो फर्नांडीज ने रूस-यूक्रेन युद्ध समेत दुनिया के मौजूदा हालात में इस तरह के आयोजन के लिए भारत की खूब सराहना की है। फर्नांडीज ने कहा कि भारत जी20 सम्मेलन का बेहतरीन होस्ट और प्रेसीडेंट रहा है। उन्होंने कहा कि यूक्रेन में युद्ध के चलते दुनिया के हालात बहुत अच्छे नहीं है। ऐसे में इस तरह का बड़ा आयोजन बेहद चुनौतीपूर्ण होता है।
लियोनेल मेस्सी का जिक्र
इस दौरान अर्जेंटीनी राष्ट्रपति ने भारत के साथ अपने देश के रिश्तों पर भी बात की। उन्होंने कहा हमारा भारत के साथ एक लंबा रिश्ता है। यही वजह है कि दोनों के बीच संबंध बेहद खास हैं। इस मौके पर अल्बर्टो फर्नांडीज ने अपने देश के फुटबॉलर लियोनेल मेस्सी का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि दोनों ही देश उन्हें एक बड़ा स्पोर्ट्स आइकॉन मानते हैं, लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि दुनिया को लेकर भी हमारी राय एक है। फर्नांडीज ने ब्रिक्स के बढ़ते दायरे की भी तारीफ जिसमें शामिल होने के लिए उनके देश को भी आमंत्रित किया गया था।
कॉमन करेंसी के प्रस्ताव को सराहा
इसके बाद अर्जेंटीना के राष्ट्रपति ने डॉलर को दरकिनार कर कॉमन करेंसी के इस्तेमाल के प्रस्ताव की भी तारीफ की। उन्होंने कहा कि मुझे यकीन है कि ब्रिक्स के संस्थापक सदस्य देशों ने एक अच्छा फैसला किया है। यह सिर्फ ब्रिक्स को बनाने की बात नहीं है, बल्कि अन्य देशों को ब्रिक्स में आमंत्रित करने का भी मामला है। उन्होंने कहा कि मैंने इस बारे में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से बात की है और उनसे ब्रिक्स को ज्वॉइन करने के लिए कहा है। फर्नांडीज ने कहा कि मैंने इस बारे में सभी अध्यक्षों समेत पीएम मोदी से भी बात की है। अब मैं इस कदम का स्वागत और तारीफ करता हूं कि हमें यह मौका दिया गया है।
भारत की अध्यक्षता की तारीफ
बता दें कि 15वें ब्रिक्स सम्मेलन के बाद ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका ने अर्जेंटीना समेत पांच अन्य देशों को इस संगठन से जुड़ने के लिए आमंत्रित किया था। अर्जेंटीना के राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि जी20 में लैटिन अमेरिका और कैरेबियन देशों को भी शामिल किया जाना चाहिए, क्योंकि उनका हाल भी अफ्रीकी देशों जैसा ही है। अल्बर्टों फर्नांडीज ने कहा कि भारत ने अध्यक्ष रहते हुए अफ्रीकन यूनियन को जी20 में शामिल करके एक बड़ा कदम उठाया है। इस फैसले के आधार पर मैं प्रस्तावित करता हूं कि जी20 में अब लैटिन अमेरिकी और कैरेबियन देशों को भी शामिल किया जाय।
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