CBI Arrested Manorama Devi Daughter In Law Rajni Priya From Sahibabad Ghaziabad In Srijan Ghotala Bihar Ann


भागलपुर: बहुचर्चित सृजन घोटाला मामले में सीबीआई ने गुरुवार (10 अगस्त) को बड़ी कार्रवाई की है. बिहार के भागलपुर में 2017 में हुए करीब दो हजार करोड़ के सृजन घोटाला मामले में सीबीआई ने मास्टरमाइंड मनोरमा देवी (Manorma Devi) की बहू रजनी प्रिया (Rajni Priya) को गाजियाबाद के साहिबाबाद से पकड़ लिया है. इसके बाद सीबीआई कोर्ट में पेश किया गया और दो दिन की ट्रांजिट रिमांड पर पटना लाया गया है.

कैसे हुई गिरफ्तारी?

बताया जाता है कि रजनी प्रिया अपने बंगले से निकलकर कहीं जा रही थी. इसी वक्त उसकी गिरफ्तारी की गई. वह गाजियाबाद में पहचान बदलकर रह रही थी. इस घोटाला में रजनी प्रिया के पति अमित कुमार को भी आरोपी बनाया गया है. ऐसी चर्चा है कि अमित की मौत हो चुकी है लेकिन इसकी कोई पुष्टि नहीं हुई है.

मिल सकते हैं कई अहम सबूत

सीबीआई ने करोड़ों की मालकिन रजनी प्रिया के मकान पर कई बार इश्तेहार चश्पा किया. कई जमीन भी जब्त की. ईडी ने भी कई संपत्तियों को अटैच किया. सीबीआई ने अमित और रजनी प्रिया को भगोड़ा घोषित कर दिया. पता बताने वालों के लिए इनाम की भी घोषणा की गई थी क्योंकि रजनी प्रिया और अमित वह मुख्य आरोपी हैं जिनके पास से सृजन घोटाले से जुड़े कई अहम सबूत मिल सकते हैं. कई सफेदपोशों का भी पर्दाफाश हो सकता है.

सृजन घोटाले की मास्टरमाइंड मनोरमा देवी के निधन के बाद आरोपी बेटे अमित कुमार और बहू रजनी प्रिया की संपत्ति पर 10 जनवरी 2023 को भी और जून 2023 में भी कोर्ट ने नोटिस दिया था. अमित कुमार और रजनी प्रिया दोनों को कोर्ट में पेश होना था, लेकिन न्यायालय में हाजिर नहीं होने पर सीबीआई ने उनके पुराने आवास तिलकामांझी स्थित न्यू विक्रमशिला कॉलोनी में उनके तीन मकानों पर नोटिस चिपकाया था. सीबीआई ने अगस्त 2017 में सृजन घोटाले की जांच शुरू की थी, जिसमें अभी तक कई बैंक के अधिकारियों से लेकर क्लर्क व क्लर्क सलाखों के पीछे हैं.

क्या है सृजन घोटाला?

बता दें कि सृजन एनजीओ के खाते में ट्रांसफर की गई सरकारी राशि का बंदरबांट हुआ था. इस घोटाले में तकरीबन दो हजार करोड़ रुपये के घोटाले की बात सामने आई थी. सृजन एनजीओ की सचिव मनोरमा देवी ने अपनी मौत से पहले ही बहू रजनी प्रिया को एनजीओ का सचिव बना दिया था. इससे खफा लोगों ने सृजन के बैंक खाते में जमा रुपये वापस नहीं किए. इसके चलते भू-अर्जन का खाता बाउंस हो गया. तत्कालीन जिलाधिकारी ने शक के आधार पर जांच कराई तो अरबों का घोटाला सामने आया था. अब रजनी प्रिया की गिरफ्तारी बड़े एक्शन के रूप में दिख रही है. फिलहाल कोई अधिकारी इस गिरफ्तारी पर कुछ नहीं बोल रहा है. 

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