
बैरा नदी में गिरी बोलेरो गाड़ी।
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हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में हुए दर्दनाक सड़क हादसे में छह पुलिस कर्मचारियों समेत सात लोगों की मौत हो गई। तीसा-बैरागढ़ मार्ग पर तरवाई पुल के पास बोलेरो गाड़ी सड़क से लुढ़क कर बैरा नदी में जा गिरी। हादसे में सात लोगों की जान चली गई। चार लोग घायल हैं। बोलेरो गाड़ी मंगली से तीसा की ओर रही थी कि अचानक चालक ने नियंत्रण खो दिया।
एसडीएम जोगिंद्र पटियाल ने बताया कि 6 पुलिस कर्मचारियों समेत 7 लोगों की मौत हुई है। तीन घायलों को मेडिकल कालेज चंबा रैफर किया गया है। एक सिविल अस्पताल तीसा में उपचाराधीन है। हादसे के कारणों का पता नहीं चल पाया है।
मृतकों की पहचान
1 सब इंस्पेक्टर राकेश गोरा पुत्र जयचंद निवासी नूरपुर, कांगड़ा।
2 हेड कांस्टेबल प्रवीण टंडन पुत्र तिलक राज निवासी बाथड़ी डलहौजी चंबा।
3 कांस्टेबल कमलजीत पुत्र अर्जन सिंह निवासी खब्बल जवाली कांगड़ा।
4 कांस्टेबल सचिन पुत्र मोहिंद्र सिंह राणा निवासी सूरजपुर देहरा कांगड़ा।
5 कांस्टेबल अभिषेक पुत्र मदन लाल निवासी खेरियां जवाली कांगड़ा।
6 कांस्टेबल लक्ष्य कुमार पुत्र पवन मोंगरा निवासी इच्छी कांगड़ा।
7 चंदु राम पुत्र जय दयाल निवासी मंगली चुराह चंबा।
घायलों की पहचान
1 कांस्टेबल सचिन पुत्र परस राम निवासी पालमपुर।
2 हेड कांस्टेबल राजेंद्र कुमार पुत्र चमन सिंह निवासी चंबा।
3 कांस्टेबल अक्षय चौधरी पुत्र राजेश कुमार निवासी बैजनाथ कांगड़ा।
4 पंकज कुमार पुत्र जन्म सिंह निवासी मंगली चुराह चंबा।
विधायक हंसराज बोले- पहाड़ गिरने से सात लोगों की मौत हुई
भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष एवं विधायक हंसराज ने कहा कि चंबा में आज सुबह एक बहुत दर्दनाक हादसा हुआ है और इसमें पूरी तरह से सरकार एवं पीडब्ल्यूडी के एक्सईएन की लापरवाही सामने आई है। चंबा तीसा पांगी रोड पर पहाड़ गिरने से सात लोगों की मृत्यु हुई है जिसमें से एक स्थानीय और बाकी पुलिसकर्मी थे।
उन्होंने कहा कि हमने सरकार से लगातार गुहार लगाकर इस रोड को बंद करवाया था पर सरकार ने इस रोड को फिर खोल दिया था। इसकी जानकारी भी हमने सरकार को पहले दी थी पर सरकार मौन रही। पहाड़ लगातार गिर रहा था जनता देख रही थी पर सरकार ने कोई एक्शन नहीं लिया।
उन्होंने कहा कि भाजपा मांग करती है कि पीडब्ल्यूडी में कार्यरत सरकारी अधिकारी जोगिंदर शर्मा पर तुरंत एफआईआर होनी चाहिए क्योंकि उनकी लापरवाही से ही इतना बड़ा हादसा आज चंबा में हुआ है। हमने लगातार सोशल मीडिया और लिखित माध्यम से सरकार को इस बारे में अवगत करवाया था पर सरकार ने इस हादसे को रोकने के लिए किसी भी प्रकार का एक्शन नहीं लिया।
सरकार की लापरवाही लगातार पूरे प्रदेश में दिख रही है और अगर इस प्रकार की लापरवाही पर अंकुश नहीं लगा तो हिमाचल की जनता पर हमेशा खतरा बना रहेगा। इस हादसे को लेकर एक उच्च स्तरीय जांच समिति भी बैठानी चाहिए और सरकार को जनता के सामने अपना पक्ष रखना चाहिए।