मैंने पीएम मोदी का अपमान नहीं किया है। मोदी जी हर बात पर बोलते हैं लेकिन मणिपुर मुद्दे पर वह ‘नीरव’ बैठे हैं, जिसका मतलब ‘चुप बैठना’ है। मेरा इरादा पीएम मोदी का अपमान करने का नहीं था… पीएम मोदी को ऐसा नहीं लगा कि उनका अपमान किया गया है, उनके दरबारियों (दरबारी) को ऐसा लगा और उन्होंने मेरे खिलाफ यह प्रस्ताव लाया। मुझे पता चला कि (मामला) विशेषाधिकार समिति को भेजा गया है और मुझे निलंबित कर दिया गया है
कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी
सदन में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए चौधरी ने महाभारत के एक संदर्भ का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री के खिलाफ कुछ टिप्पणी की थी जिसे आसन ने तत्काल रिकॉर्ड से हटाने का निर्देश दिया। इस दौरान गृह मंत्री अमित शाह समेत सत्तापक्ष के कई सदस्यों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। भाजपा के सदस्य वीरेंद्र सिंह को आक्रामक होते देखा गया। इस घटनाक्रम के समय प्रधानमंत्री मोदी भी सदन में मौजूद थे। प्रधानमंत्री मोदी जब चर्चा का जवाब दे रहे थे तो उस समय भी चौधरी ने कई बार टोका-टाकी की।
चर्चा पर प्रधानमंत्री के जवाब के बाद जोशी ने कहा, ‘जब प्रधानमंत्री, मंत्री बोलते हैं या कोई चर्चा होती है तो कांग्रेस के नेता (चौधरी) जानबूझकर व्यवधान पैदा करने की कोशिश करते हैं…उनको इसकी आदत हो गई है। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है क्योंकि वह इस सदन की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी कांग्रेस के नेता हैं।’ जोशी ने कहा, ‘बार-बार कहने पर भी उन्होंने सुधार नहीं किया। वह आधारहीन आरोप लगाते हैं। देश और देश की छवि कम करने की कोशिश करते हैं, जबकि उनके आरोप में कोई तथ्य नहीं होता। कभी क्षमा नहीं मांगते।’ उन्होंने कहा, ‘कल गृह मंत्री के बोलने के समय भी उन्होंने ऐसा किया था।’ भारतीय जनता पार्टी के सांसद वीरेंद्र सिंह ने चौधरी की टिप्पणी के बाद अपनी प्रतिक्रिया के लिए आसन और सदन से माफी मांगी। उन्होंने कहा, ‘मैं हमेशा सदन के सम्मान को ध्यान में रखता हूं। हम अपने नेता (प्रधानमंत्री मोदी) के अपमान को बर्दाश्त नहीं कर पाए, उसके लिए मैं क्षमा चाहता हूं।’