नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्कः देश की राजधानी नई दिल्ली में चल रहे 18वें जी-20 शिखर सम्मेलन (G20 Summit Delhi) में दुनियाभर के नेताओं का जमावड़ा लगा हुआ है। भारत में हो रहे इस वैश्विक सम्मेलन पर सबकी निगाहें टिकी हैं। देश-दुनिया की मीडिया में भी जी-20 सम्मेलन से जुड़ी खबरों को प्रमुखता से जगह दी जा रही है। इस खबर में हम जानेंगे कि विश्व के बड़े मीडिया संस्थानों में G20 Summit India को लेकर क्या चल रहा है…
बात करें अमेरिकी अखबार द न्यूयॉर्क टाइम्स (The New York Times) की तो पत्रकार Katie Rogers ने ‘G20 घोषणापत्र में रूस की आलोचना को शामिल नहीं किया गया, यूक्रेनवासियों की ‘पीड़ा’ पर गौर किया’ शीर्षक से प्रकाशित अपने लेख मे लिखा-
शनिवार शाम को नई दिल्ली में G20 शिखर सम्मेलन में यूक्रेन पर रूस के आक्रमण (Russia Ukraine War) या उसके क्रूर युद्ध आचरण की निंदा नहीं की गई, बल्कि यूक्रेनी लोगों की ‘पीड़ा’ पर शोक व्यक्त किया गया।
अखबार का कहना है कि, ये पिछले साल बाली में हुए सम्मेलन के उलट था जब नेताओं ने रूस के यूक्रेन पर किए हमले की निंदा की और मॉस्को से अपने सैनिकों को वापस बुलाने के लिए कहा।
एक और अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन पोस्ट ने (The Washington Post) ने अपने लेख ‘जी-20 में बाइडेन ने भारत, यूरोप को जोड़ने वाले महत्वाकांक्षी कॉरिडोर की घोषणा की’ में लिखा-
राष्ट्रपति बाइडेन (Joe Biden) और कई अन्य विश्व नेताओं ने शनिवार दोपहर यहां एक नए रेल और शिपिंग कॉरिडोर योजना (India-Middle East-Europe Economic Corridor) की घोषणा की, जो मध्य पूर्व (Middle East) के जरिए भारत (India) और यूरोप (Europe) को जोड़ेगा।
अखबार ने लिखा किइस महत्वाकांक्षी प्रस्ताव का उद्देश्य एक अस्थिर क्षेत्र को जोड़ना और चीन के BRI का मुकाबला करना है।
चीन के अखबार ग्लोबल टाइम्स (Global Times) ने अपने लेख ‘प्रमुख शक्तियों के बीच बढ़ते मतभेदों के बीच शिखर सम्मेलन आयोजित होने पर प्रधान मंत्री ली ने जी 20 की एकजुटता और सहयोग का आह्वान किया’
नाम से प्रकाशित अपने लेख में लिखा-
रूस-यूक्रेन संघर्ष, वैश्विक आर्थिक सुधार, खाद्य संकट और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर प्रमुख शक्तियों के बीच बढ़ते मतभेदों के बीच दुनिया की 20 सबसे शक्तिशाली अर्थव्यवस्थाओं के नेता और प्रतिनिधि नई दिल्ली, भारत में एकत्र हुए हैं।
जी20 के स्थायी सदस्य के रूप में अफ्रीकी संघ (AU) का स्वागत योग्य समावेश पहला उत्साहजनक संकेत है जो प्रमुख शक्तिशाली अर्थव्यवस्थाओं के बीच आम सहमति को दर्शाता है, लेकिन एकता की कमी और संयुक्त घोषणा तक पहुंचने में कठिनाई के बारे में चिंताएं अभी भी मौजूद हैं।
अखबार ने लिखा कि, चीनी प्रधानमंत्री ली कियांग ने शनिवार को 20 देशों के समूह से एकजुटता और सहयोग का पालन करने, आर्थिक विकास को गति देने के लिए व्यापक आर्थिक नीतियों के समन्वय को मजबूत करने का आह्वान किया। अखबार ने अमेरिका (America) पर निशाना साधते हुए लिखा कि, “अमेरिका बहुपक्षीय तंत्र पर नियंत्रण हासिल करने और महान शक्ति प्रतिस्पर्धा की अपनी रणनीति की पूर्ति के लिए इस मंच उपयोग करने की कोशिश कर रहा है।”
ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन बीबीसी (BBC) ने भी कमोबेश वही बात कही है जो अमेरिकी अखबार द न्यूयॉर्क टाइम्स ने कही। बीबीसी ने अपने आर्टिकल ‘जी20 ने यूक्रेन में युद्ध पर अफसोस जताया लेकिन रूस पर आरोप लगाने से परहेज किया’ में लिखा-
भारत में जी20 शिखर सम्मेलन में एक संयुक्त घोषणा पर सहमति बनी है, जिसमें यूक्रेन में युद्ध पर एक बयान भी शामिल है। दो दिवसीय बैठक के पहले दिन जी20 नेताओं ने क्षेत्रीय लाभ के लिए बल के प्रयोग की निंदा की, लेकिन सीधे तौर पर रूस की आलोचना नहीं की। यूक्रेनी सरकार ने कहा कि इसमें ‘गर्व करने लायक कुछ भी नहीं है।’
बीबीसी ने आखे लिखा कि, दिल्ली में शिखर सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन और विकासशील देशों के ऋण बोझ सहित कई वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा हुई।
पश्चिमी मीडिया ने की आलोचना तो रशिया टीवी (RT) ने दिया मुंहतोड़ जवाब
G20 समिट को लेखर पश्चिमी मीडिया में नकारात्मक खबरें चलीं। इसका जवाब देते हुए रशिया टीवी ने कहा कि, भारत शानदार तरीके से जी20 सम्मेलन आयोजित कर रहा है, लेकिन पश्चिमी मीडिया नेगेटिव खबरें ही दिखा रहा है।
एक ओपिनियन में रशिया टीवी ने कहा कि, गैर-पश्चिम देशों के बारे में कुछ भी लिख देना आसान है क्योंकि वहां की मीडिया ने अपने कवरेज को सिर्फ नकारात्मक खबरों तक सीमित रखा है।