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उन्होंने कहा कि मरम्मत व बहाली का कार्य युद्ध स्तर पर सुनिश्चित करने के दृष्टिगत केंद्र सरकार की ओर से सेतु भारतम परियोजना-सेंट्रल रोड इंफ्रास्ट्रक्चर फंड (सीआरआईएफ) के अंतर्गत 400 करोड़ रुपये उपलब्ध करवाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सेब उत्पादक क्षेत्रों में राष्ट्रीय राजमार्गों के आसपास एक किलोमीटर तक संपर्क मार्गों की मरम्मत का व्यय भी भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण वहन करेगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नदी के बहाव से कई स्थानों पर सड़कें बह गई हैं और भविष्य में इस तरह की घटनाओं को कम करने के दृष्टिगत एक तकनीकी दल का गठन किया गया है। यह दल आगामी तीन-चार दिनों में प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर स्थिति का जायजा लेगा। उन्होंने कहा कि नदी किनारे चट्टानों और सिल्ट के जमा होने से इसके बहाव में दिशा परिवर्तन हुआ है।
उन्होंने कहा कि इससे बचाव के दृष्टिगत नदी किनारों को दो से तीन मीटर गहरा खोदकर कंकरीट से इसे भरा जाएगा तथा यहां उपलब्ध चट्टानों से एक मजबूत दीवार निर्मित करने की संभावनाएं भी तलाशी जाएंगी। उन्होंने इसमें प्रदेश सरकार से भी सहयोग का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अंतर्गत निर्मित सड़कों की मरम्मत का पूरा खर्च केंद्रीय मंत्रालय वहन करेगा। क्षतिग्रस्त टू लेन रोड के लिए राज्य सरकार के 280 करोड़ रुपये के प्रस्ताव को मंजूरी दी जाएगी। इसके तहत 80 करोड़ रुपये तुरंत जारी किए जा रहे हैं। कहा कि क्षतिग्रस्त फोरलेन की तुरंत डीपीआर बनाकर मरम्मत का कार्य शुरू किया जाएगा। स्विट्जरलैंड के विशेषज्ञों को भी बुलाया गया है और आईआईटी विशेषज्ञों की भी सलाह लेंगे, ताकि भविष्य में इस तरह की भूस्खलन की घटनाओं को रोकने में मदद मिल सके। उन्होंने यह भी कहा कि नेशनल हाईवे व फोरलेन के किनारे भवन निर्माण नहीं होना चाहिए। ऐसा करना सुरक्षित नहीं है।
हिमाचल में 12,000 करोड़ से बन रहीं 68 टनल
गडकरी ने कहा कि केंद्र सरकार हिमाचल में 12,000 करोड़ खर्च कर 68 टनलों का निर्माण कर रही है। 11 टनल 15 किलोमीटर लंबाई की बन चुकी हैं। 27 टनल बन रही हैं। 30 सुरंगों का निर्माण होना है। गडकरी ने कहा कि मंडी-कुल्लू फोरलेन में अगर टनल न होती तो पूरा संपर्क ही कट जाता।
250 करोड़ रुपये का रोपवे 15 अगस्त से पहले
गडकरी ने कहा कि बिजली महादेव के लिए 250 करोड़ रुपये से रोपवे बनाया जाएगा। 15 अगस्त से पहले इसका कार्य अवार्ड करने की कोशिश की जाएगी। इस अवसर पर लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर, विधायक रवि ठाकुर, भुवनेश्वर गौड़, अरूण शौरी, लोकेंद्र कुमार, विनोद कुमार, पूर्ण चंद ठाकुर, उपायुक्त आशुतोष गर्ग सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
दो सड़कों को भी मंजूरी
इसके साथ ही गडकरी ने हमीरपुर के रंगस-मैहरे वाया बागछल सड़क को 50 करोड़ रुपये की मंजूरी दी। साथ ही शाहपुर-सिहुंता रोड के लिए 35 करोड़ रुपये मंजूर किए। उन्होंने कहा कि किरतपुर-मनाली फोरलेन सड़क का मरम्मत कार्य आगामी दो से तीन माह में पूरा कर शीघ्र ही इसका लोकार्पण कर दिया जाएगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पहाड़ों से चट्टानें गिरने की समस्या हमेशा बनी रहती है। इससे निपटने के लिए अध्ययन के आधार प्लान बनाया जाएगा।
उन्होंने राज्य के सीमित संसाधनों के दृष्टिगत केंद्र से इस आपदा से उबरने में हिमाचल को उदार सहायता प्रदान करने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा कि गत माह 7 से 11 जुलाई के मध्य हुई भारी बारिश से प्रदेश में संपत्ति के साथ-साथ सड़कों और पुलों को सबसे अधिक नुकसान पहुंचा है। उन्होंने कहा कि कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के दृष्टिगत राज्य में परिवहन के अन्य साधन सीमित हैं और ऐसे में सड़कें राज्य की जीवन रेखा मानी गई हैं। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने हिमाचल दौरे का उनका आग्रह तुरंत स्वीकार किया है जिसके लिए वह उनके आभारी हैं। मुख्यमंत्री ने नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर से भी आग्रह किया कि आपदा की इस घड़ी में वह राज्य सरकार को खुले मन से सहयोग दें ताकि प्रभावितों की पीड़ा को कम किया जा सके।