Himachal Weather:भूस्खलन से Nh-5 सहित 466 सड़कें ठप, नाथपा गांव को खतरा, चार मकान खाली करवाए – Himachal Weather: Landslide In Brauni Khad At National Highway Five, Hundreds Of Roads Blocked In The State, H


हिमाचल प्रदेश में बारिश का कहर लगातार जारी है। नेशनल हाईवे पांच रामपुर के ब्रौनी खड्ड में भूस्खलन से फिर बंद हो गया है। इससे किन्नौर जिले व सीमावर्ती क्षेत्रों का अन्य भागों से सड़क संपर्क कट गया है। वहीं, आसपास के हजारों लोगों की परेशानियां भी बढ़ गई हैं। भारी बारिश के चलते हाईवे पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। गुरुवार को ही ब्रौनी खड्ड और पशाडा खड्ड के पास भूस्खलन से बंद एनएच पांच 12 घंटों बाद यातायात के लिए बहाल हुआ था, लेकिन शुक्रवार को यह फिर बंद हो गया है।

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दो दिन भारी बारिश का अलर्ट

किन्नौर व शिमला जिले में लगातार जारी बारिश ने लोगों की दुश्वारियां बढ़ा दी हैं।  किन्नौर में अधिकांश ग्रामीण सड़कों पर यातायात ठप है।  मौसम विज्ञान केंद्र शिमला की ओर से प्रदेश के कई भागों में 28 व 29 जुलाई के लिए भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। 30 जुलाई से मौसम में कुछ सुधार की संभावना है। गुरुवार रात को कटौला मंडी में 118.3, धर्मशाला 76.2, करसोग 71.2, मंडी 63.3 और रामपुर में 49.4 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। शिमला में भी रात से बारिश हो रही है। 

उधर, किन्नौर के नाथपा गांव की पहाड़ी से पिछले चार दिनों से लगातार चट्टानें गिर रही हैं। गुरुवार शाम भी यहां पहाड़ी से बड़ी मात्रा में भूस्खलन होने से गांव को खतरा पैदा हो गया है। इसके बाद नाले के साथ मौजूद गांव के चार घरों को खाली करवा दिया गया है। नाथपा ग्राम पंचायत प्रधान आरपी नेगी ने यह जानकारी दी। लगातार भूस्खलन से गांव में दहशत का माहौल बना हुआ है। उधर, प्रशासन की ओर से अभी तक कोई भी मौके पर नहीं पहुंचा है। 

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार प्रदेश में शुक्रवार सुबह 10:00 बजे तक जगह-जगह भूस्खलन से 466 सड़कें यातायात के लिए ठप थीं। शिमला जिले से सबसे ज्यादा 220 और कुल्लू में 115 सड़कें बंद हैं। वहीं, राज्य में 552 बिजली ट्रांसफार्मर भी बाधित हैं। इसी तरह 204 जलापूर्ति योजनाएं भी बाधित चल रही हैं। शिमला, कुल्लू व मंडी में सबसे ज्यादा बिजली ट्रांसफार्मर बाधित हैं। 
 

वहीं, मुंछाड़ा पंचायत के कोटसारी गांव में भूस्खलन से तीन घरों में दरारें आ गईं हैं। इससे तीन परिवार बेघर हो गए हैं। प्रभावित लोगों को लाखों रुपये का सामान खुले आसमान के नीचे रखना पड़ रहा है। भूस्खलन से लक्ष्मण ठाकुर, विमला देवी और निकम सिंह के घरों को नुकसान पहुंचा हैं। घरों के गिरने का खतरा देखते हुए परिवारों ने मकान खाली कर दिए हैं। वहीं प्रभावित तीनों परिवार पड़ोसियों के यहां शरण लेने को मजबूर हैं। पंचायत के पूर्व प्रधान सोहन लाल चौहान ने बताया कोटसारी गांव में तीनों परिवारों के लाखों की लागत से बने घर तबाह हो चुके हैं। वहीं लोअर कोटी गांव में प्रदीप ठाकुर का घर भी क्षतिग्रस्त हुआ है। प्रशासन की ओर से प्रभावितों को फौरी राहत उपलब्ध करवाई गई है। प्रभावित परिवारों ने सरकार से उचित सहायता की मांग की है। एसडीएम सन्नी शर्मा ने बताया कि प्रभावितों को फौरी राहत उपलब्ध करवाई जा रही है।

इस बार मानसून में 24 जून से 27 जुलाई तक प्रदेश में 5491.99 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हो चुका है। 183 लोगों की जान गई है। 206 लोग जख्मी हुए हैं। बाढ़ से 687 मकान ढह गए, जबकि 7029 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। इस दौरान भूस्खलन की 68 और अचानक बाढ़ की 51 घटनाएं सामने आई हैं।
 

24 घंटों के दौरान भोरंज में 127.2, कटौला 118.3, धर्मशाला 76.2, करसोग 71, मंडी 63.3, रामपुर बुशहर 49.4 नयना देवी 42.6, सुंदरनगर 41.8, शिलारू 38.5,  कांगड़ा 35.6, काहू 32.2 और नारकंडा में 30 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। 



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