Parliament Monsoon Session: संसद के मानसून सत्र में गतिरोध और हंगामा जारी है। 11वें दिन भी सदन की कार्यवाही हंगामेदार रही। मणिपुर मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बयान की मांग पर अड़े विपक्षी सदस्यों के कारण राज्यसभा में जारी गतिरोध के बीच आज (बृहस्पतिवार को) सदन में उस समय हंसी की लहर दौड़ गई, जब सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि वह 45 वर्ष से अधिक समय से विवाहित हैं और वह कभी गुस्सा नहीं होते।
दरअसल, उच्च सदन में शून्यकाल के दौरान नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आसन की अनुमति से अपनी बात रखते हुए कहा कि कल सभापति के साथ मुलाकात में उन्होंने मणिपुर संबंधी कार्यस्थगन नोटिस पर चर्चा कराने की विनती की थी किंतु ”आप (धनखड़) जरा गुस्से में थे।”
इस पर सभापति ने खरगे को टोकते हुए कहा, ”मैं 45 वर्ष से अधिक समय से विवाहित व्यक्ति हूं, मैं कभी गुस्सा नहीं करता।” उनकी इस बात पर सदन में ठहाका गूंज उठा। धनखड़ ने कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम एक प्रख्यात वरिष्ठ वकील हैं और वह जानते हैं कि ”एक वरिष्ठ वकील के रूप में हमें गुस्सा करने का कोई अधिकार नहीं है, कम से कम प्राधिकार के समक्ष तथा आप (नेता प्रतिपक्ष खरगे) एक प्राधिकार हैं…मैं कभी गुस्सा नहीं करता।”
सभापति ने खरगे से कहा कि वह अपनी बात में सुधार कर लें। इस पर खरगे ने कहा, ”आप गुस्सा नहीं करते, आप (गुस्सा) दिखाते नहीं लेकिन बराबर अंदर से करते हैं। ” खरगे की इस बात पर न केवल सभी सदस्य बल्कि सभापति धनखड़ भी खिलखिला कर हंसने लगे।
राज्यसभा के सभापति ने नेता विपक्ष के सवाल पर कहा, “मुझे पीएम का बचाव करने की जरूरत नहीं है। मुझे किसी का बचाव करने की जरूरत नहीं है। मुझे संविधान…आपके अधिकारों की रक्षा करने की जरूरत है। नेता विपक्ष की ओर से इस तरह की टिप्पणी बहुत अच्छी नहीं है।” धनखड़ की प्रतिक्रिया मल्लिकार्जुन खड़गे के उस बयान पर आया जिसमें खड़गे ने कहा था कि मणिपुर बहस पर विपक्ष की मांग पर सभापति पीएम का बचाव क्यों कर रहे हैं।
इसके बाद राज्यसभा के सभापति ने विपक्ष के सदन से वॉकआउट करने पर कहा कि अगर आप सदन का बहिष्कार कर रहे हैं तो यह एक राजनीतिक कारण है। आपको इस बात पर चिंतन और आत्ममंथन करना चाहिए कि आप अपने कर्तव्यों से विमुख हो रहे हैं और देश के विकास में भागीदार नहीं बनना चाहते हैं।
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