INDIA vs BHARAT- भारत बनाम INDIA नाम को लेकर केंद्र और विपक्ष में आर-पार की जंग जारी है। एक तरफ विपक्ष इसे अपने नाम से जोड़कर आरोप लगा रही है कि बीजेपी खुन्नस में संविधान से INDIA नाम हटाना चाह रही है। दूसरी तरफ बीजेपी की तरफ से तमाम नेताओं ने INDIA की बजाय भारत नाम की पैरवी करनी शुरू कर दी है। इस बीच असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा, जो विपक्षी गठबंधन के नाम INDIA चुनने के बाद अपने ट्विटर बायो को भारत में बदलने वाले संभवत: पहले राजनेता हैं, ने कहा कि भारत बनाम INDIA कोई बहस है ही नहीं, क्योंकि दोनों एक ही हैं। हिमंत ने कांग्रेस को याद दिलाते हुए कहा कि इंदिरा गांधी और मनमोहन सिंह ने ‘भारत के प्रधानमंत्री’ के रूप में शपथ ली थी। अमित शाह ने संसद में भारतीय न्याय संहिता रखी थी, तब किसी ने विरोध नहीं किया। भारत और इंडिया विनिमेय हैं और यह 2016 में सुप्रीम कोर्ट का फैसला ही है।
भारत बनाम INDIA की लड़ाई तब शुरू हुई, जब कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने जब प्रेसिडेंड ऑफ इंडिया की तरफ से जी-20 समिट के डिनर का नोट साझा किया। उन्होंने आरोप लगाया कि आमंत्रण पर प्रेसिडेंड ऑफ इंडिया नहीं प्रेसिडेंट ऑफ भारत लिखा है। उन्होंने बीजेपी सरकार पर संविधान के आर्टिकल 1 से छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया। सत्ता और विपक्ष दोनों तरफ से इंडिया और भारत नाम को लेकर राजनैतिक जंग पूरे उफान पर है। इस बीच असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बड़ा बयान दिया है।
समाचार एजेंसी के मुताबिक, हिमंत ने कहा, “अगर मुझे सही से याद है, जब मनमोहन सिंह जी ने शपथ ली, तो उन्होंने भारत के प्रधान मंत्री के रूप में शपथ ली। जब देवेगौड़ा जी ने शपथ ली, तो उन्होंने INDIA के प्रधान मंत्री के रूप में शपथ ली। जहां तक मुझे याद है, मैंने गूगल करने की कोशिश भी की लेकिन नहीं मिला। और अगर मैं सही हूं तो इंदिरा गांधी ने भी भारत के प्रधान मंत्री के रूप में शपथ ली थी, न कि INDIA के प्रधान मंत्री के रूप में। इसलिए यह कोई बहस नहीं है।”
रिजर्व बैंक में भारत की वकालत
हालाँकि, हिमंत ने भारतीय रिज़र्व बैंक में INDIA की जगह भारत को लाने की वकालत की। केंद्रीय बैंक का नाम ‘रिजर्व बैंक ऑफ भारत’ होना चाहिए। यह नवजागरण का दौर है। सरमा ने कहा, असम ने कई पुरानी विरासतें बदली हैं और केंद्र में भी कई बदलाव किए गए हैं।
शशि थरूर के बयान पर कहा- आधा सच
नाम को छिड़े विवाद के बीच कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि भाजपा सरकार जिन्ना के विचारों का समर्थन करती रहती है, चाहे वह सीएए को लेकर हो या देश के नाम पर। “जब विषय लाइव है, आइए याद रखें कि यह जिन्ना ही थे जिन्होंने ‘इंडिया’ नाम पर आपत्ति जताई थी क्योंकि इसका तात्पर्य यह था कि हमारा देश ब्रिटिश राज का उत्तराधिकारी राज्य था और पाकिस्तान एक अलग राज्य था। सीएए की तरह, भाजपा सरकार जिन्ना के दृष्टिकोण समर्थन करती रहती है!”
जवाब में हिमंत ने कहा, “थरूर ने जो कहा वह आधा सच था। जिन्ना ने क्या कहा यह महत्वपूर्ण नहीं है। हमारे लिए महत्वपूर्ण यह है कि ऋषियों और संतों का कौन सा नाम इस्तेमाल किया गया था, और यह INDIA नहीं बल्कि भारत था।”हिमंत ने कहा।
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