जम्मू-कश्मीर से लापता हुए आर्मी जवान नावेद अहमद वानी का सफल रेस्क्यू कर लिया गया है। अभी जवान को मेडिकल चेक अप के लिए भेज दिया गया है। बताया जा रहा है कि मेडिकल चेक अप के बाद ही जवान से पूछताछ का सिलसिला शुरू किया जाएगा। समझने का प्रयास रहेगा कि आखिर कैसे इतने दिनों तक जवान गायब रहा, कहां रहा, उसके साथ क्या किया गया।
क्या है ये पूरा मामला?
जानकारी के लिए बता दें कि कुछ दिन पहले आर्मी के जवान नावेद अहमद वानी लापता हो गए थे। वे ईद की छुट्टी मनाने के लिए घर आए हुए थे। रात को सामान लेने के लिए बाहर निकले और उसके बाद से वापस ही नहीं आए। उसके बाद ही सेना ने पूरे इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया। परिवार की तरफ से तो पहले ही अपरहण की आशंका जाहिर कर दी गई थी। लेकिन अब जब गुरुवार को सेना का जवान सुरक्षित मिल गया है, परिवार ने राहत की सांस ली है। सेना भी जल्द ही जवान से सवाल-जवाब करने वाली है।
किडनैपिंग क्यों माना गया?
अब सेना के इस गायब जवान वाले मामले ने सभी की चिंता ज्यादा इसलिए बढ़ा दी थी क्योंकि जिस गाड़ी से वो घर का सामान लेने गया था, वो एक सुनसान इलाके में पड़ी मिली थी। उस गाड़ी में एक जोड़ी चप्पल और कुछ खून की बूंदें भी थीं। उसी वजह से ये शक गहरा गया था कि जवान के साथ कुछ गलत हुआ। कयास ये लगे थे कि जवान का अपहरण हो गया, परिवार ने भी क्योंकि इसी थ्योरी को हवा दी, ऐसे में सेना ने भी तेज गति से अपना सर्च ऑपरेशन चलाया।
पहले भी सामने आईं ऐसी घटनाएं
अब उस मेहनत का फल मिल गया है। जवान सुरक्षित हालत में वापस आ गया है। मेडिकल चेप के लिए भेज दिया गया है और जल्द ही कोई औपचारिक बयान भी जारी किया जा सकता है। वैसे ये कोई पहला मामला नहीं था जब सेना का कोई जवान कश्मीर से गायब हुआ हो। इससे पहल भी जवान लापता हुए हैं और अधिकतर किडनैपिंग के मामले थे। एक मामले में सेना के जवान औरंगजेब का मई 2017 में आतंकियों ने अपहरण कर लिया था।
अब सभी मामलों में एक बात ये कॉमन रही कि आतंकियों ने बौखलाहट में वो कदम उठाए। जब भी सेना उन पर हावी हुई, उनके साथियों को मौत के घाट उतारा गया, इस तरह के कायराना कदम देखने को मिल गए। लेकिन अब इस मामले में क्या सच्चाई है, ये मेडिकल चेक अप के बाद ही साफ हो पाएगी।