Manipur Violence Kuki People s Alliance withdraws support to Biren Singh govt in Manipur – India Hindi News


Manipur Violence: मणिपुर में कुकी और मैतई समुदाय के बीच हिंसा में अब तक करीब 160 लोगों की मौत हो चुकी है। ताजा हिंसा में दंगाइयों ने इंफाल पश्चिम जिले के लांगोल इलाके में 15 घरों को आग लगा दी और पांच लोगों को मौत के घाट उतार दिया। राज्य में लगातार फैल रही जातिगत हिंसा के बीच एक बड़ी खबर सामने आई है। रिपोर्ट है कि एनडीए सहयोगी कुकी पीपुल्स एलायंस ने मणिपुर में एन बीरेन सिंह सरकार से समर्थन वापस ले लिया है। मणिपुर विधानसभा में कुकी पीपुल्स एलायंस के दो विधायक हैं।

न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, एनडीए सहयोगी कुकी पीपुल्स एलायंस (केपीए) ने मणिपुर में एन बीरेन सिंह सरकार से समर्थन वापस ले लिया है। सत्तारूढ़ गठबंधन से बाहर निकलने का केपीए का फैसला ऐसे समय में आया है जब बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार हिंसा को नियंत्रित करने में नाकाम साबित हुई है। इसके अलावा आगामी 21 अगस्त को विधानसभा सत्र शुरू हो सकता है।

कुकी समुदाय के विधायकों का किनारा

आगामी विधानसभा सत्र को लेकर कुकी समुदाय से जुड़े विधायकों में डर का माहौल है। उनका कहना है कि राज्य में हिंसा जैसे संगीन हालातों के मद्देनजर सत्र में उपस्थित होना किसी भी स्थिति में मुमकिन नहीं है। इसलिए विभिन्न दलों के कुकी समुदाय से जुड़े विधायक सत्र में हिस्सा नहीं ले सकते हैं। मणिपुर की 60-सदस्यीय विधानसभा में कुकी-जोमी समुदाय के 10 विधायक हैं, जिनमें से सात भाजपा के, दो कुकी पीपुल्स एलायंस तथा एक निर्दलीय विधायक शामिल है।

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केपीए अध्यक्ष का बयान

कुकी पीपुल्स एलायंस (केपीए) के अध्यक्ष तोंगमांग हाओकिप ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘विधायकों के लिए इंफाल आना सुरक्षित नहीं होगा…थानलोन का प्रतिनिधित्व करने वाले भाजपा विधायक वुंगजागिन वाल्ते से वहां बुरी तरह मारपीट की गयी, वह अब भी उपचार करा रहे हैं।’’ उन्होंने बताया, ‘‘अगर विधायकों की सुरक्षा के लिए राज्य सरकार तथा केंद्र सरकार गारंटी दे और पर्याप्त कदम उठाए, तो इस चिंता से निपटा जा सकता है।’’

दंगाइयों ने जला दिए 15 घर, पांच को मार डाला
मणिपुर में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। ताजा घटनाक्रम के तहत क्वाक्टा और चुराचांदपुर में दो अलग-अलग घटनाओं में पांच लोगों की मौत हो गयी है। हिंसा के बाद इंफाल पूर्व और पश्चिम में फिर से कर्फ्यू लगा दिया गया है। मणिपुर के हालात से वाकिफ अधिकारियों ने बताया कि शनिवार देर रात तक राज्य के विभिन्न हिस्सों जैसे न्यू चेकन, टोरबंग और राज्य के अन्य हिस्सों में भीड़ द्वारा आगजनी की घटनाएं हुईं हैं। पिछली रात, मणिपुर पुलिस ने कहा कि पश्चिमी इंफाल के लिलोंग और चाजिंग में भीड़ द्वारा पुलिस टीम से हथियार लूटने का एक और प्रयास किया गया था। शनिवार देर रात को दंगाइयों ने इंफाल पश्चिम जिले के लांगोल में लगभग 15 घरों में आग लगा दी गई।

गौरतलब है कि मैतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) दर्जे की मांग के विरोध में 3 मई को पहाड़ी जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ आयोजित किए जाने के बाद मणिपुर में हिंसक झड़पें भड़क उठी थीं। आरक्षित वन भूमि से कुकी ग्रामीणों को बेदखल करने पर तनाव के बाद झड़पें हुईं। मणिपुर की आबादी में मैतेई लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं। दूसरी ओर, नागा और कुकी जैसे आदिवासी आबादी का 40 प्रतिशत हिस्सा हैं और पहाड़ी जिले में रहते हैं।

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