no confidence motion parliament monsoon session pm narendra modi on manipur INDIA alliance – India Hindi News


अविश्वास प्रस्ताव पर एक बार फिर संसद का मौहाल गरमाने के लिए तैयार है। खबर है कि प्रस्ताव पर 8 अगस्त से चर्चा का दौर शुरू होगा, जो तीन दिनों तक यानी 10 अगस्त तक चलेगा। खास बात है कि चर्चा के आखिरी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी संसद में जवाब देने वाले हैं। नया विपक्षी गठबंधन मॉनसून सत्र की शुरुआत के साथ ही पीएम मोदी से मणिपुर मुद्दे पर बयान देने की मांग कर रहा है।

26 जुलाई को ही कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई की तरफ से लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव के लिए नोटिस दाखिल कर दिया गया था। खास बात है कि उस दौरान तेलंगाना में सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति (BRS) की तरफ से भी केंद्र सरकार के खिलाफ अलग से अविश्वास प्रस्ताव के लिए नोटिस दिया गया था।

बहुमत में सरकार, फिर क्यों चला दांव
हालांकि, संसद में प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई वाली सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पास होना नामुमकिन है। क्योंकि भारतीय जनता पार्टी समेत नेशनल डेमोक्रेटिक एलायंस (NDA) के साथ पूर्ण बहुमत में है। इधर, विपक्ष का कहना है कि इसके जरिए पीएम मोदी को मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर बोलने के लिए मजबूर किया जाना है।

आंकड़े बताते हैं कि निचले सदन में भाजपा के 303 और एनडीए के 336 सांसद हैं। वहीं, विपक्षी गठबंधन INDIA के कुल सांसदों की संख्या 134 है।

मणिपुर का दौरा कर चुका विपक्ष
हाल ही में इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (INDIA) के सदस्य मणिपुर के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे थे। उस दौरान 16 दलों के 21 सांसदों का ने राहत शिविरों का दौरा किया था और राज्यपाल अनुसुइया उइके से भी मुलाकात की थी। खबरें हैं कि विपक्षी दलों ने पूर्वोत्तर राज्य की स्थिति को लेकर जानकारी जुटाने की भी योजना थी, जिसे बहस के दौरान संसद में उठाया जा सकता है।

बीते सप्ताह ही कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा था, ’84 दिनों से ज्यादा समय से मणिपु में कानून-व्यवस्था बिगड़ी हुई है, समुदाय बंटे हुए हैं और वहां सरकार के नाम पर कुछ नहीं है…। इन सभी कारणों के चलते ही हमें सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए मजबूर होना पड़ा।’ मंगलवार को ही हुई बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा का कार्यक्रम तय किया गया था।

क्या है नियम
नियमों के अनुसार, स्पीकर 10 दिनों में प्रस्ताव पर बहस शुरू कर सकता है। खास बात है कि 11 अगस्त को ही संसद का मॉनसून सत्र भी खत्म हो रहा है।

पहले भी आ चुका अविश्वास प्रस्ताव
साल 1952 से लेकर अब तक 27 अविश्वास प्रस्ताव संसद में आ चुके हैं। एनडीए सरकार के खिलाफ साल 2018 में भी अविश्वास प्रस्ताव आया था। इसके अलावा यह 7वां मौका है, जब निचला सदन ऐसे समय में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा कर रहा है, जब आम चुनाव होने में 12 महीनों से भी कम समय बचा है।

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