कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने सभापति से आग्रह किया कि वह अध्यक्ष से लोकसभा की कार्यवाही की अध्यक्षता फिर से शुरू करने का अनुरोध करें. चौधरी कहते हैं, ‘वह हमारे संरक्षक हैं.’ सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने कहा कि वह चौधरी का संदेश विधानसभा अध्यक्ष तक पहुंचाएंगे.
सूत्रों से जानकारी मिली है कि विपक्षी गठबंधन इंडिया के घटक दल राज्यसभा में टीएमसी के नेता डेरेक ओ ब्रायन से नाराज हैं. दरअसल आज सदन में डेरेक ने बिना किसी विचार विमर्श के कह दिया कि किसी भी तरह हम बस चर्चा चाहते हैं. विपक्षी सूत्रों का कहना है कि सदन में पीएम की मौजूदगी और नियम 267 के तहत चर्चा की मांग से पीछे नहीं हटना चाहिए. अगर डेरेक को अपनी राय जाहिर करनी थी तो पहले आपस में चर्चा करनी चाहिए थी.
LoP मल्लिकार्जुन खरगे ‘मणिपुर बहस पर विपक्ष की मांग पर सभापति प्रधानमंत्री का बचाव क्यों कर रहे हैं’ के सवाल के जवाब पर राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा, ‘मुझे पीएम का बचाव करने की जरूरत नहीं है. मुझे किसी का बचाव करने की जरूरत नहीं है. मुझे संविधान…आपके अधिकारों की रक्षा करने की जरूरत है. LoP की ओर से इस तरह की टिप्पणी बहुत अच्छी नहीं है.’
राज्यसभा के सभापति ने मणिपुर पर चर्चा के लिए आगे का रास्ता खोजने के लिए सदन के नेताओं को 1 बजे बैठक के लिए आमंत्रित किया है. विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, ”मेरा सुझाव है कि सदन को तब तक के लिए स्थगित कर देना चाहिए.”
मणिपुर के मुद्दे पर नियम 267 के तहत चर्चा पर जोर दे रहे नेता विपक्ष खरगे ने कहा कि इसे प्रतिष्ठा का मुद्दा नहीं बनाया जाना चाहिए. उन्होंने सभापति से कहा कल शायद आप गुस्सा हो गए थे. इस पर धनखड़ ने कहा, मैं 45 सालों से शादीशुदा हूं, गुस्सा नहीं करता. वकील के तौर पर भी हमें गुस्सा करने का अधिकार नहीं.
जवाब में खरगे ने कहा, आप भले जाहिर न करें लेकिन अंदर से गुस्सा करते हैं. इसके बाद खरगे ने आरोप लगाते कहा, आप पीएम का बचाव कर रहे हैं!
धनखड़ ने जवाब देते हुए कहा, पीएम को किसी बचाव की जरूरत नहीं है. उनकी वैश्विक पहचान है. सोचिए कि अमेरिकी सांसद में उनका संबोधन सुनकर देश के आम लोगों को कितना गर्व होता है. 30 सालों बाद पूर्ण बहुमत की सरकार बनी है.
राज्यसभा के चेयरमैन ने कहा, विपक्ष देश के पीएम की छवि को खराब करने की कोशिश कर रही है. ऐसी कोई राजनीति नहीं हो सकती जो अपने देश के पीएम की छवि को ही धूमिल करे. लोग ऐसे कैसे सोच या बोल सकते हैं देश के पीएम के खिलाफ.
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से पक्ष -विपक्ष के सभी नेताओं ने मुलाकात कर उन्हें सदन की जिम्मेदारी संभालने के लिए निवेदन किया है. सभी विपक्ष के नेताओं ने एक सुर में सदन को मर्यादा और चेयर का सम्मान करने का आश्वासन दिया. इसके बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सभी से सदन की करवाई सुचारू रूप से चलाने के लिया कहा. सूत्रों के मुताबिक दोपहर दो बजे से लोकसभा अध्यक्ष लोकसभा अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठेंगे और सदन की करवाई का संचालन करेंगे.
आम आदमी पार्टी हरियाणा हिंसा का मुद्दा राज्यसभा में उठाएगी. AAP के प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद सुशील गुप्ता ने सदन में नोटिस दिया है. सुशील गुप्ता ने हरियाणा हिंसा पर विशेष चर्चा की मांग की है.
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने चीन के साथ सीमा स्थिति पर चर्चा के लिए लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया है. वहीं राज्यसभा सांसद डॉ. सैयद नसीर हुसैन ने मणिपुर की स्थिति पर चर्चा के लिए सस्पेंशन ऑफ बिजनेस नोटिस दिया.
लोकसभा में आज दिल्ली सेवा बिल पर बहस होगी. गृह मंत्री अमित शाह बिल पर चर्चा के लिए संसद में मौजूद रहेंगे.
बैकग्राउंड
Parliament Session Live Updates: दिल्ली सेवा बिल मंगलवार (2 अगस्त) को लोकसभा में पेश कर दिया गया है. लोकसभा में आज दिल्ली सर्विसेज बिल पर चर्चा होगी. मंगलवार को लोकसभा में पेश किया गया था बिल. सभी विपक्षी पार्टियां इस बिल का विरोध कर रही है. हालांकि विपक्षी दल खासकर आम आदमी पार्टी इस बिल के विरोध में है. लेकिन सवाल उठ रहे हैं क्या सरकार इस बिल को राज्यसभा से पास करा पाएगी. संसद में फिर हंगामे का आसार हैं.
संसद के दोनों सदनों में मणिपुर पर भी गतिरोध बरकरार है. प्रधानमंत्री मोदी के बयान की मांग पर विपक्ष अड़ा हुआ है. इसके अलावा दिल्ली वाले बिल पर टकराव हो सकता है. अफसरों की ट्रांसफर और पोस्टिंग से जुड़े बिल पर लोकसभा में पर चर्चा होनी है जिसको लेकर आम आदमी पार्टी सरकार पर हमलावर है तो वहीं आज सुबह 10 बजे विपक्षी नेताओं की मीटिंग भी है. बीजेपी ने लोकसभा सांसदों के लिए व्हिप जारी किया है और आज सभी सांसदों से संदन में मौजूद रहने को कहा है.
लोकसभा में 543 सांसदों में से सरकार के पास 353 सांसद हैं. विपक्ष के साथ 153 सांसदों का समर्थन है. राज्यसभा में बहुमत के लिए 120 का आंकड़ा है और सरकार के साथ 120 सांसद हैं. वहीं विपक्ष के साथ 106 सांसद हैं, 12 सांसद तटस्थ हैं. 12 सांसदों को विपक्ष के साथ जोड़ भी दें तो ये नाकाफी होगा. लिहाजा संसद में बिल पास कराने में सरकार को कई दिक्कत नहीं आने वाली है.