Rajasthan Election: Why were Shekhawat-Vansudhara Raje smiling so much with JP Nadda


राजस्थान में बीजेपी की परिवर्तन यात्रा का आगाज हो गया है। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सवाई माधोपुर में गहलोत सरकार पर जमकर जुबानी तीर चलाए। परिवर्तन यात्रा के दौरान केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने एक मंच से सरकार को घेरा। दोनों ही नेता एक मंच पर मुस्कराते हुए दिखाई भी दिए। राजनीतिक विश्लेषक दोनों की मुस्कराहट के अलग-अलग सियासी मायने निकाल रहे हैं। कुछ का कहना है कि दोनों नेताओं ने जेपी नड्डा के सामने एकजुटता दिखाने के लिए किया। बता दें केंद्रीय मंत्री शेखावत और वसुंधरा राजे सीएम पद के प्रमुख दावेदार है। हालांकि, शेखावत खुद के सीएम फेस से इनकार करते रहे हैं। शेखावत कहते रहे हैं कि पीएम मोदी के चेहरे पर ही चुनाव लड़ा जाएगा। वसुंधरा राजे समर्थक इसे कटाक्ष के तौर पर मानते रहे हैं। वसुंधरा राजे समर्थक शेखावत की नीति और नीयत को अच्छे से जान चुके है।

वसुंधरा राजे और शेखावत की बीच 36 का आंकड़ा

उल्लेखनीय है कि केंद्रीय मंत्री शेखावत सीएम फेस के तौर पर वसुंधरा राजे के नाम का विरोध करते रहे हैं। हालांकि, उन्होंने खुलकर नाम नहीं लिया लेकिन कहते रहे हैं है कि पीएम मोदी के चेहरे पर ही चुनाव लड़ा जाएगा। वसुंधरा राजे समर्थकों को यह बात बिल्कुल भी पंसद नहीं है। दोनों नेताओं के बीच 36 का आंकड़ा रहा है। वसुंधरा राजे ने ट्वीट कर कहा-आज भगवान त्रिनेत्र गणेश जी की पावन धरा सवाई माधोपुर से भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जेपी नड्डा जी ने परिवर्तन संकल्प यात्रा का श्रीगणेश किया, जिसमें उपस्थित रही। यह यात्रा राजस्थान में कांग्रेस के कुशासन को उजागर कर जनता की उम्मीदों एवं आकांक्षाओं को नए आयाम देगी।राजस्थान की 40% आबादी को भरपूर पानी उपलब्ध कराने के लिए हमारी भाजपा सरकार ने ERCP की योजना तैयार की तथा इसे जमीन पर लाने के लिए 25 अगस्त, 2005 को मध्य प्रदेश के साथ नदियों के पानी के बंटवारे को लेकर समझौता किया था। लेकिन दुर्भाग्य से गहलोत सरकार आ गई और ERCP को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।

वसुंधरा राजे के हाव भाव में बदलाव

जेपी नड्डा संग वसुंधरा राजे मुस्कराती हुई नजर आई। जबकि एक दिन पहले ही वसुंधरा राजे ने मंदिर दर्शन की यात्रा कर कहा कि बड़ा होने से पहले वह भगवान के दर्शन करती है। दूसरी तरफ पार्टी ने वसुंधरा राजे समर्थक कैलाश मेघवाल को नोटिस थमा दिया है। इन सबके बावजूद वसुंधरा राजे काफी प्रफुल्लित दिखाई दी। सियासी जानकार इसे तूफान से पहले की शांति मानकर चल रहे हैं। पूर्व सीएम ने कहा कि जब हमारी दुबारा सरकार आई तो हमने ERCP की डीपीआर बना कर इसका काम आगे बढ़ाया। वर्ष 2017-18 व 2018-19 में बजट घोषणा कर नवनेरा बैराज व ईसरदा बांध का काम भी शुरू कर दिया था। लेकिन पुनः लौटी कांग्रेस सरकार ने ERCP के काम को आगे बढ़ाने के लिए बीते साढ़े 4 साल में कोई गंभीर प्रयास नहीं किया। इसलिए 13 जिलों की जनता आज भी प्यासी रह गई।ERCP पर गहलोत सरकार की अकर्मण्यता आज सबके सामने हैं, क्योंकि कांग्रेस को जनता के हितों की नहीं बल्कि खुद के हितों की चिंता है। लेकिन मैं मेरे राजस्थान परिवार को विश्वास दिलाती हूं कि हम हमारे हिस्से का एक बूंद भी पानी कम नहीं होने देंगे। चाहे हमें कितना ही खून-पसीना बहाना पड़े। प्रदेश में जो अराजकता कांग्रेस ने दी है, वह जनता की भावनाओं का मजाक है। हम राजस्थान के हितों पर कुठाराघात कभी नहीं होने देंगे। अब जनता कांग्रेस की नीति और नीयत को अच्छे से जान चुकी है।

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