संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने शुक्रवार को कहा कि आतंकवाद को कतई उचित नहीं ठहराया जा सकता और अब समय आ गया है कि अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था इसका गंभीरता से मुकाबला करे। गुतारेस ने यह भी कहा कि इस खतरे को लेकर भारत की स्वाभाविक रूप से अपनी चिंताएं हैं। उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए एक विशेष साक्षात्कार में कहा कि आतंकवाद से मुकाबला करना ”हम सभी” के लिए ”मौलिक प्राथमिकता” होनी चाहिए और यह कुछ ऐसा है जो उनकी प्राथमिकताओं में बहुत ऊपर है।
उन्होंने कहा, ”यह कुछ ऐसा है जो मेरी प्राथमिकताओं में बहुत ऊपर है। जब मैं संयुक्त राष्ट्र में आया तो मैंने जो पहला सुधार किया वह वास्तव में आतंकवाद विरोधी कार्यालय स्थापित करना था।” सीमा पार आतंकवाद पर भारत की चिंताओं और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सदस्य देशों के साथ सहयोग के संदर्भ में संयुक्त राष्ट्र क्या कर सकता है, यह पूछे जाने पर उन्होंने यह टिप्पणी की।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने कहा कि आतंकवाद वैश्विक मुद्दा बन गया है और भारत की ”स्वाभाविक रूप से” अपनी ”अपनी चिंताएं” हैं। उन्होंने कहा, ”आतंकवाद वास्तव में ऐसी चीज है जिस पर हमें गंभीरता से विचार करना चाहिए और यह अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था की मौलिक प्राथमिकता होनी चाहिए।” चीन द्वारा कुछ आतंकवादियों को काली सूची में डालने के प्रयासों को रोकने के बारे में पूछे जाने पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने कहा कि यह प्रक्रिया राजनीतिक विचारों पर आधारित नहीं होनी चाहिए।
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