Uttarakhand Tunnel Collapse Rescue Opration Khichdi Porridge Sent First Time In 9 Days To Workers Trapped


Uttarakhand Tunnel Rescue Opration: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में 9 दिन से सुरंग में फंसे श्रमिकों को पहली बार एक पाइप के माध्यम से खिचड़ी और दलिया जैसा भोजन भेजा गया. उन्हें अब तक ड्राई फ्रूट्स और पानी वगैरह भेजा जा रहा था.

सोमवार (20 नवंबर) को सुरंग में 6 इंच का पाइप सुरंग में फंसे लोगों तक पंहुचाने के बाद उन्हें खिचड़ी, दलिया और संतरे भेजे गए. बता दें कि 12 नवंबर को भूस्खलन के बाद सिलक्यारा सुरंग के कुछ हिस्से ढहने से 41 निर्माण श्रमिक उसमें फंस गए थे. बचाव अभियान के दौराव अब तक श्रमिकों को 4 इंच की कंप्रेसर पाइपलाइन के जरिये खाने-पीने की हल्की चीजें पहुंचाई जा रही थीं.

सोमवार को बचावकर्मियों को सुरंग के अवरूद्ध हिस्से में ड्रिलिंग कर मलबे के आर-पार 53 मीटर लंबी छह इंच व्यास की पाइपलाइन डालने में सफलता मिल गई. इसके जरिये श्रमिकों को ज्यादा मात्रा में भोजन सामग्री, संचार उपकरण और अन्य जरूरी चीजें पहुंचाई जा सकेंगी.

‘ऑक्सीजन और भोजन दोनों भेजे जा सकेंगे’

राष्ट्रीय राजमार्ग और अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (NHIDCL) के निदेशक अंशु मनीष खाल्को ने कहा, ”6 इंच का यह पाइप 53 मीटर लंबा है. यह हमारे लिए बड़ी उपलब्धि है. एक वैकल्पिक जीवन रेखा होने के अलावा यह यह हमें ऑक्सीजन और भोजन दोनों भेजने की सुविधा देगा. पोषण वाला भोजन फंसे हुए मजदूरों को भेजा जा सकता है.” अधिकारी ने कहा कि फंसे हुए श्रमिकों में से एक दीपक कुमार के रिश्तेदार से बात हुई है, जिन्होंने बताया कि भोजन भेजे जाने के बाद सुरंग के अंदर श्रमिक खुश हैं.

‘पहली बार उनके लिए गर्म खाना भेजा जा रहा है’

वहीं, श्रमिकों के लिए भोजन तैयार करने वाले रसोइया हेमंत ने एएनआई से बात करते हुए बताया, ”पहली बार उनके लिए गर्म खाना भेजा जा रहा है. खिचड़ी, दाल और फल भेजे जा रहे हैं.” एक और रसोइया रवि रॉय ने बताया कि बोतल में भरकर सामग्री भेजी गई है. एक आदमी के लिए साढ़े सात सौ ग्राम भेजा गया है. इसके अलावा मौसमी का जूस, सेब और संतरे भेजे गए हैं.

बचाव कार्यों पर अदालत ने राज्य सरकार से जवाब मांगा

इस बीच उत्तराखंड हाई कोर्ट ने सुरंग में जारी बचाव अभियान और उपायों पर सोमवार को राज्य सरकार और केंद्रीय एजेंसियों से 48 घंटों के अंदर जवाब देने को कहा. हाई कोर्ट का यह निर्देश देहरादून स्थित गैर सरकारी संगठन समाधान की ओर से इस संबंध में दायर जनहित याचिका पर आया है.

हाई कोर्ट ने आपदा प्रबंधन सचिव, लोक निर्माण विभाग, केंद्र सरकार और राष्ट्रीय राजमार्ग और अवसरंचना विकास निगम लिमिटेड को भी नोटिस जारी किए हैं. याचिका पर अगली सुनवाई 22 नवंबर के लिए निर्धारित की गई है.

संगठन ने अपनी याचिका में कहा कि श्रमिक सिलक्यारा सुरंग में 12 नवंबर से फंसे हुए हैं लेकिन सरकार उन्हें अब तक बाहर निकालने में विफल रही है. याचिका में आरोप लगाया गया है कि सरकार और कार्यान्वयन संस्था सुरंग के अंदर कैद लोगों के जीवन से खिलवाड़ कर रही है. इसमें कहा गया कि हर दिन बचाव अभियानों में प्रयोग किए जा रहे हैं लेकिन अब तक कोई भी सफल नहीं हुआ है.

याचिका में मामले को लेकर आपराधिक मुकदमा दर्ज करने और इसकी जांच विशेष जांच दल (एसआईटी) से कराने की भी मांग की गई है. याचिका में यह भी आरोप लगाया गया है कि सुरंग निर्माण के समय क्षेत्र की भूवैज्ञानिक जांच ढंग से नहीं की गई.

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